Savitaben Ambedkar Yojana 2025: अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देने वाली सरकारी योजना

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Savitaben Ambedkar Yojana 2025:भारत में सामाजिक समरसता और समानता को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों ने अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से योजनाएँ चलाई हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण योजना है डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह सहायता योजना, जिसे गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में लागू किया गया है। इस लेख में हम इस योजना के उद्देश्य, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी देंगे।


डॉ. साविताबेन अंबेडकर कौन थीं?

इस योजना का नाम डॉ. साविताबेन अंबेडकर के नाम पर रखा गया है, जिन्हें रामाबाई अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता था। वे डॉ. भीमराव अंबेडकर की पत्नी थीं और उनके संघर्ष में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। इस योजना का नामकरण साविताबेन अंबेडकर के नाम पर किया जाना इस बात को दर्शाता है कि यह योजना जातिगत भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के विचार को सशक्त करती है।


गुजरात में डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह सहायता योजना

Savitaben Ambedkar Yojana 2025: योजना के उद्देश्य और लाभ

गुजरात सरकार द्वारा चलाई जा रही डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह सहायता योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में जातिगत भेदभाव को कम करना और अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित करना है।

  • वित्तीय सहायता: इस योजना के तहत पात्र जोड़ों को कुल ₹2,50,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है।
    • ₹1,00,000 घरेलू खर्चों के लिए दिया जाता है।
    • ₹1,50,000 की राशि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) के रूप में दंपत्ति के संयुक्त नाम पर जमा की जाती है।

पात्रता मानदंड

  • निवास: दंपत्ति में से एक व्यक्ति का गुजरात का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
  • जाति: विवाह एक अनुसूचित जाति (SC) के व्यक्ति और किसी अन्य जाति के व्यक्ति के बीच होना चाहिए।
  • आयु सीमा: पुरुष की उम्र कम से कम 21 वर्ष और महिला की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • शादी का पंजीकरण: विवाह कानूनी रूप से पंजीकृत होना चाहिए और शादी के दो वर्षों के भीतर इस योजना के लिए आवेदन करना आवश्यक है।

आवेदन प्रक्रिया

इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है, जो ई-समाज कल्याण पोर्टल के माध्यम से की जाती है:

  1. रजिस्ट्रेशन करें – आवेदक को अपने आधार कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
  2. लॉगिन और प्रोफाइल अपडेट करें – रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन करके व्यक्तिगत जानकारी अपडेट करनी होगी।
  3. योजना का चयन करें – उपलब्ध योजनाओं में से “डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह सहायता योजना” को चुनें।
  4. आवेदन फॉर्म भरें – सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और आवेदन सबमिट करें।

ई-समाज कल्याण पोर्टल लिंक


राजस्थान में डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना

Savitaben Ambedkar Yojana 2025: योजना के उद्देश्य और लाभ

राजस्थान सरकार ने भी अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य जातिगत भेदभाव को कम करना और विवाह करने वाले जोड़ों को समाजिक विरोध से बचाव देना है।

  • वित्तीय सहायता: राजस्थान में इस योजना के तहत पात्र जोड़ों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाती है।
    • ₹5 लाख की राशि 8 साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा की जाती है।
    • ₹5 लाख सीधे नवविवाहित जोड़े के संयुक्त बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।

पात्रता मानदंड

  • निवास: आवेदनकर्ता या उनका जीवनसाथी राजस्थान का मूल निवासी होना चाहिए।
  • शादी का पंजीकरण: आवेदन के लिए विवाह प्रमाणपत्र अनिवार्य है।
  • आवेदन की समय सीमा: शादी के दो वर्षों के भीतर आवेदन किया जाना चाहिए।

राजस्थान समाज कल्याण विभाग लिंक


योजना का सामाजिक प्रभाव

इस योजना का मुख्य उद्देश्य जातिगत भेदभाव को खत्म कर समाज में समानता और समरसता स्थापित करना है। कुछ प्रमुख प्रभाव इस प्रकार हैं:

  1. अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा – यह योजना समाज में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
  2. विरोध और उत्पीड़न से सुरक्षा – कई बार अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को परिवार और समाज के विरोध का सामना करना पड़ता है। इस योजना के तहत उन्हें सरकार से वित्तीय और कानूनी सहायता मिलती है।
  3. सामाजिक जागरूकता बढ़ाना – योजना के तहत जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिससे समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

1. इस योजना के तहत वित्तीय सहायता कब और कैसे मिलती है?

गुजरात में ₹2.5 लाख और राजस्थान में ₹10 लाख की सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे बैंक खाते में जमा की जाती है या NSC/Fixed Deposit के रूप में दी जाती है।

2. क्या सभी अंतरजातीय विवाह इस योजना के तहत आते हैं?

नहीं, केवल वे विवाह पात्र हैं जिनमें एक साथी अनुसूचित जाति (SC) का हो और दूसरा किसी अन्य जाति का।

3. क्या यह योजना सभी राज्यों में लागू है?

फिलहाल, यह योजना गुजरात और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में लागू है। अन्य राज्यों में अलग-अलग योजनाएँ हो सकती हैं।

4. आवेदन करने की अंतिम तिथि क्या है?

शादी के दो वर्षों के भीतर इस योजना के लिए आवेदन करना अनिवार्य है।

5. आवेदन करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

  • आधार कार्ड
  • जाति प्रमाण पत्र
  • विवाह प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • निवास प्रमाण पत्र

निष्कर्ष

डॉ. साविताबेन अंबेडकर अंतरजातीय विवाह सहायता योजना सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। यह न केवल जातिगत भेदभाव को कम करता है, बल्कि नवविवाहित जोड़ों को वित्तीय सहायता देकर उनके नए जीवन की शुरुआत को आसान बनाता है।

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जरूरी है कि –
✅ अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी दी जाए।
✅ आवेदन प्रक्रिया को और सरल बनाया जाए।
✅ जोड़ों को कानूनी सुरक्षा प्रदान की जाए।

अगर सरकार इन मुद्दों पर ध्यान देती है, तो यह योजना समाज में स्थायी बदलाव लाने में सफल होगी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के समतामूलक समाज के सपने को साकार करने में मदद करेगी।

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